Employee Transfer Policy : अब सरकारी कर्मचारियों की ट्रांसफर पॉलिसी में हो गया बदलाव, ये है नए नियम

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Employee Transfer Policy : सरकारी कर्मचारियों के लिए सरकार ने एक नई पॉलिसी की शुरूआत की है। जिसके आधार पर अब कर्मचारियों के ट्रांसफर होने वाले हैं। तो चलिए जानते हैं इसके बारे में-

केंद्र सरकार के साथ साथ अब राज्य के सरकारी कर्मचारियों के ट्रांसफर नई पॉलिसी के तहत होने वाले हैं। सरकार ने कर्मचारियों के लिए एक SOP जारी की है।

इस कॉमन SOP के तहत कर्मचारियों का ट्रांसफर तीन साल से पहले कभी नहीं हो सकता है। वहीं इसके साथ ही कर्मचारियों को अपनी सर्विस में कम से कम 2 साल तक ग्रामीण इलाके में नौकरी करनी पड़ती है।

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वहीं सरकार ने SOP पर सभी विभागों को नोटिस भिजवा दिया है कि अब उस विभाग के एचओडी अपने कर्मचारियों के साथ चर्चा करेंगे और सुझाव देंगे।

ट्रांसफर पॉलिसी को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों के बीच काफी विवाद होता आया है। जिससे बचने के लिए अब वकायदा पॉलिसी तैयार की गई है।

कर्मचारियों की सेवा अवधि हो 2 साल से ज्यादा- Employee Transfer Policy

अगर हम देखें तो नई ट्रांसफर पॉलिसी में अब सभी कर्मचारियों की सेवा अवधि को कम से कम 2 साल ग्रामीण क्षेत्र में काम करना पड़ेगा। वहीं कर्मचारियों का ड्यूटी पर तीन साल से पहले ट्रांसफर भी नहीं होने वाला है।

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वहीं कर्मचारियों को तबादला समकक्ष के पदों पर ही होने वाला है। अगर किसी कर्मचारी पर कोई मामला दर्ज है या फिर किसी मामले में जांच चल रही है या फिर दोषी पाया जाता है तो कर्मचारी की पदोन्नति हो गई हो तो भी उसका ट्रांसफर नहीं होने वाला है। (Employee Transfer Policy)

कर्मचारी का प्रोबेशन पीरियड के अंतराल में भी कर्मचारियों का ट्रांसफर नहीं होने वाला है। जो कर्मचारी रिटायर होने वाला है उसका समय अगर 1 साल से भी कम बचा है तो उसका ट्रांसफर नहीं होने वाला है। लेकिन अगर कोई कर्मचारी चाहता है कि उसका ट्रांसफर हो तो वह करवा सकता है। (Employee Transfer Policy)