Sahil Tyagi : नौकरी के साथ पढ़ाई करके किसान का बेटा बना HCS अफसर, 48वां रैंक किया हासिल

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Sahil Tyagi : नौकरी के साथ पढ़ाई करके किसान का बेटा बना HCS अफसर, 48वां रैंक किया हासिल, मेहनत करके ही आप अपने जीवन में सफलता हासिल कर सकते है।

अपने जीवन में सफल होने के लिए आपको बहुत मेहनत करनी पड़ती है। आज हम आपको एक ऐसे ही व्यक्ति की सफलता की कहानी के बारे में बताने जा रहे है जिसको सुनकर आप भी सफलता की और चल पड़ेंगे।

हम जिस इंसान की बात कर रहे है उसका नाम साहिल त्यागी (Sahil Tyagi) है। साहिल त्यागी सोनीपत के गन्नौर के गांव आवानपुर का रहने वाला है। इनके पिता का जोगेंद्र त्यागी है। जो किसान है। साहिल ने HCS में चयन हुआ है। सिविल सर्विसेज में 48वां रैंक साहिल ने हासिल किया है।

तीसरे प्रयास में हुए कामयाब-

साहिल चंडीगढ़ एडिमिनिस्ट्रेशन में क्लर्क की नौकरी कर रहे थे। लेकिन इनका शुरु से ही सपना सिबिल सर्विसेज में जाना था। अपनी ऑनलाइन पढ़ाई के साथ-साथ वह नौकरी भी करने लग गए थे।

नौकरी के समय में से उन्हे पढाई करके का केवल 10 मिनट का ही समय मिलता था। जितनी उनके लिए पढ़ाई जरुरी थी उतना ही उनके लिए नौकरी करना था। साहिल ने कहा कि जब उन्होंने पहली बार परीक्षा दी तो वह सफल नहीं हुए थे।

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फिर उन्होंने पढ़ाई फिर से शुरु की जब दूसरी बार उन्होंने परीक्षा दी तो वह कुछ नंबर से फिर से रह गए थे। तीसरी बार उन सफलता मिली थी। तीसरी बार जब अपनी पूरी मेहनत से पढाई की और परीक्षा दी तो उनको सफलता मिली थी।

भाई ने किया था स्पोर्ट (Sahil Tyagi)-

साहिल का परिवार बहुत सी साधारण था। उनके पिता किसान थे। वह सारा दिन खेत के काम में व्यस्त रहते थे। लेकिन साहिल का भाई हमेशा उसके साथ रहता था। उसके भाई ने साहिल को काफी प्रेरित किया था।

गांव के सरकारी स्कूल में साहिल ने शिक्षा प्राप्त की है। 5वीं कक्षा से 12वीं कक्षा तक की पढाई उन्होने गन्नौर के राजकीय मॉडल संस्कृति स्कूल से की है। बीएससी और एमएसई परीक्षा सोनीपत से की है। वह अपनी कामयाबी का पूरा श्रेय अपने अध्यापकों को देता है।

संक्षिप्त में जानकारी-

तीसरे प्रयास में हुए कामयाब

भाई ने किया था स्पोर्ट